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Karwa Chauth 2023 : सरगी क्या हैं ? इसका महत्व ,सरगी थाली में क्या शामिल करना चाहिए- जाने पूरी जानकारी

Karwa Chauth 2023 : सरगी क्या  है?

क्या आप जानते है सरगी क्या है ? अगर नहीं जानते है तो परेशान होने की कोई बात नही है,आज की पोस्ट में हम आपको इसी का जवाब देंगे। विवाहित महिलाओं के लिए सरगी भोर से पहले का भोजन (विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से बनी एक थाली) है जो ज्यादातर महिलाएं अपनी सास या घर के किसी बुजुर्ग करवाचौथ के एक दिन पहले प्राप्त करती हैं। व्रत रखने वाली ये सभी विवाहित महिलाएं सूर्योदय से पूर्व इसका सेवन करती हैं ताकि पूरे दिन सूर्यास्त तक ऊर्जा बनी रहे।

करवा चौथ में सरगी का महत्व क्या है ?

सरगी सास अथवा बड़े बुजुर्ग द्वारा तैयार की जाती है। इसमें पांच से सात तरह के व्यंजन जैसे सब्जी करी, रोटी,सेवई या खीर, सूखे मेवे, मिठाई और फल शामिल होते हैं। सरगी के साथ महिलाओं को नए कपड़े, श्रृंगार का सामान और आभूषण भी मिलते हैं।

यदि किसी महिला की सास दूर रहती है अथवा अब नहीं है तो सरगी उस महिला की बड़ी सह-बहन (जेठानी) या ननद द्वारा दी जाती है। सरगी की रस्म करवा चौथ से जुड़ी एक खूबसूरत रस्म है जिसे हम सभी को छोड़ना नहीं चाहिए।

सरगी थाली में क्या शामिल करना चाहिए?

जैसा कि सरगी के सेवन के पीछे मुख्य वजह पूरे दिन ऊर्जावान बने रहना होता है, यहां उन खाने वाली आवश्यक वस्तुओं की सूची दी गई है जिससे हम जानेगे की जिन्हें एक महिला को अपनी सरगी थाली में अवश्य शामिल करना चाहिए:-

सूखे मेवे: 

आपको मुट्ठी भर काजू, किशमिश, बादाम और पिस्ता खाना चाहिए क्योंकि ये मुख्य रूप से पोषक तत्वों और ऊर्जा से भरपूर होते हैं। सरगी में सूखे मेवे और अखरोट आदि भी शामिल किये जाते हैं। बादाम को शुभ माना जाता है क्योंकि इसमें पोषण सामग्री और कैलोरी भी अधिक होती है। कैलोरी से भरपूर होने के कारण मेवे दिन भर की पर्याप्त ऊर्जा और पोषण का स्त्रोत बनते हैं। यदि आप इसको सेवई दूध और चीनी के मिश्रण से तैयार व्यंजन के साथ लेना चाहें तो वो भी उत्तम है और ये सामग्री सरगी थाली में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जगह बनाती है।

फल: 

फल फाइबर और पानी की मात्रा से भरपूर होते हैं। इस प्रकार, ये आपको काफी लंबे समय तक हाइड्रेटेड रखते हैं। केला, अनार, सेब आदि फल भी सरगी का हिस्सा होते हैं। ताजे फलों में पर्याप्त मात्रा में पानी और फाइबर होता है।जैसा की इस व्रत में भोजन और पानी के बिना रहना होता है, ताजे फलों के से महिलाएं लम्बे समय तक पेट भरा हुआ महसूस करेंगी और उनके शरीर की पानी की आवश्यकता भी पूरी होगी।

पका हुआ भोजन: 

सारगी में आप पूरे दिन पेट भरा रहने के लिए साधारण सब्जी के साथ 2-3 रोटियाँ खा सकती हैं। घर पर बने साधारण खाने योग्य वस्तुएं जो पचने में आसान हों, उन्हें भी आप सरगी का हिस्सा बना सकते हैं। पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक साधारण हरी सब्जी के साथ कुछ रोटियाँ और हलवा पर्याप्त होगा। आपको किसी भी भारी, तैलीय भोजन से बचना चाहिए जो आपके लिए सुस्ती का कारण बन सकता है।

मीठा: 

जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत में मिठाइयाँ हर घर में त्योहरों में खूब पसंद के जाती हैं जो कि कार्बोहाइड्रेट और ग्लूकोज का एक समृद्ध स्रोत हैं, वे आपको दिन बिताने के लिए पर्याप्त ऊर्जा देंगी। भारतीय परंपरा में किसी भी पवित्र या महत्वपूर्ण काम की शुरुआत या उत्सवों में मिठाई खाने को बहुत महत्व दिया जाता है। इसलिए सरगी की थाली में मीठे का होना जरूरी होता है क्योंकि मिठाइयों में मौजूद चीनी दिन भर आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए काफी  बढ़िया है।

यह भी जानें -

क्या अविवाहित लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं ?

वैसे तो यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा किय जाने वाला विधान है, लेकिन कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रख सकती हैं। ज्योतिष जनकारों की माने तो अविवाहित लड़कियां अपने  प्रेमी या मंगेतर जिसे वह अपना जीवन साथी मान चुकी हों, उनके लिए करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं। 

मान्यता है कि इससे उन्हें करवा माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हालांकि कुंवारी लड़कियों के लिए करवा चौथ के व्रत व पूजन के नियम अलग होते हैं। यदि आप अविवाहित हैं और करवा चौथ के व्रत को करना चाहती हैं, तो सबसे पहले इसके नियमों के बारे में जरूर जान लें।

अविवाहित लड़कियां करवा चौथ व्रत में इन बातों का रखें ख़ास ख्याल -

अविवाहित लड़कियां इस दिन निर्जला व्रत करने के स्थान पर फलहार व्रत रख सकती हैं। ज्योतिषों के अनुसार कुंवारी कन्याओं के लिए निर्जला व्रत रखने की किसी भी प्रकार से कोई बाध्यता नहीं होती है, परन्तु इसकी मुख्य वजह यह है कि इनको सरगी आदि नहीं मिल पाती है। 

साथ ही कुंवारी लड़कियों को इस दिन तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करना चाहिए, क्योंकि चंद्रमा को अर्घ्य देने का नियम मुख्य रूप से केवल सुहागिन महिलाओं के लिए होता है। इसके अलावा अविवाहित लड़कियों को पूजा में छलनी के प्रयोग करने की भी कोई बाध्यता नहीं है। वे बिना छलनी के ही तारों के दर्शन कर अर्घ्य दे सकती हैं उसके उपरांत  व्रत का पारण कर सकती हैं।

जैसा की हमने आपको आज की ब्लॉग पोस्ट में बताया की Karwa Chauth 2023सरगी क्या हैं ? इसका महत्व ,सरगी थाली में क्या शामिल करना चाहिए आशा करता हूँ आपको हमारी आज की पोस्ट पसंद आई होगी , इसी प्रकार की पोस्ट को पढने के लिए हमारे साथ बने रहे ।  धन्यवाद ..