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Short Story In Hindi : कैसे बना शेर देवी मां दुर्गा का वाहन

शेर के मां दुर्गा का वाहन बनने की कहानी तब शुरू होती है, जब देवी मां पार्वती घोर तपस्या करके भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कोशिश कर रही थीं। सालों तक तप करने के बाद माता पार्वती को भोले भंडारी अपनी पत्नी के रूप में अपना लेते हैं। 

 Short Story In Hindi 

इसी बीच तपस्या की वजह से मां पार्वती का रंग काफी काला पड़ गया था। एक दिन ऐसे ही बातचीत के दौरान भगवान शिव मां पार्वती को काली कह देते हैं। यह बात उन्हें पसंद नहीं आती, वो नाराज होकर तप करने के लिए दोबारा चली जाती हैं।
एक दिन के बाद घूमते-घूमते एक शेर घोर तप कर रहीं मां पार्वती के पास पहुंच जाता है । उन्हें खाने की इच्छा से वो वहां घूमता रहता है । मां को तप में लीन देखकर शेर भी वहीं इंतजार करता रहा। देवी का इंतजार करते-करते सालों बीत गए। शेर मां पार्वती के तेज की वजह से उनके पास नहीं पहुंच पाता था। कोशिश करता और असफलता हाथ लगने पर दोबारा लौटकर कोने में बैठ जाता था।

इसी तरह होते-होते कई साल बीत गए थे। मां के तप से खुश होकर भगवान शिव प्रकट हुए और मां से मन चाहा वर मांगने को कहा कि देवी पार्वती अपना गोरा रंग वापस चाहती हैं। भगवान शिव ने वर दिया और वहां से चले गए। वरदान मिलते ही मां पार्वती नहाने के लिए चली गईं।

 A Short Story In Hindi 

नहाते ही उनके शरीर से एक और देवी का जन्म हुआ, जिनका नाम कौशिकी पड़ा। उनके शरीर से काला रंग भी निकल गया था और मां का रंग पहले की तरह ही साफ हो गया। इसी वजह से माता पार्वती का नाम मां गौरी भी पड़ गया। नहाने के कुछ देर बाद मां की नजर शेर पर पड़ी। 

माता पार्वती ने अपनी शक्तियों से ज्ञात कर लिया कि वह शेर वहां क्यों आया है ।  शेर को देखते ही उन्होंने भगवान शिव को याद किया और शेर के लिए भी वरदान मांगा।

माता पार्वती ने भगवान से कहा, “हे नाथ! यह शेर सालों से मुझे भोजन के रूप में ग्रहण करने के लिए इंतजार कर रहा था। मेरे पूरे तप के दौरान यह यहीं था। जितना तप मैंने किया है, उतनी ही तपस्या इसने भी की है। इसी वजह से अब वरदान के रूप में इस शेर को मेरी सवारी बना दीजिए। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर माता पार्वती की बात मान ली और शेर को उनकी सवारी बना दिया। आशीर्वाद मिलने के बाद माता शेर पर सवार हो गईं और तभी से उनका नाम मां शेरावाली और दुर्गा पड़ गया।

Short Story In English -How the lion became the vehicle of Goddess Maa Durga

The story of the lion becoming the vehicle of Maa Durga begins when Goddess Parvati was trying to get Lord Shiva as her husband by doing severe penance. After years of penance, Bhole Bhandari accepts Mother Parvati as his wife. Meanwhile, due to penance, the complexion of Mother Parvati had become very dark. One day, during such a conversation, Lord Shiva calls Mother Parvati Kali. She doesn't like this thing, she gets angry and goes back to do penance. 

 God Story In English 

After a day, while roaming around, a lion reaches Mother Parvati who is doing severe penance. He keeps roaming there with the desire to eat them. Seeing the mother engrossed in penance, the lion also kept waiting there. Years passed while waiting for the goddess. The lion could not reach Mother Parvati because of her might. He would try and if he failed, he would come back and sit in the corner.

Many years had passed like this. Pleased with the penance of the mother, Lord Shiva appeared and asked the mother to ask for the groom of her choice saying that Goddess Parvati wanted her fair complexion back. Lord Shiva blessed and left from there. As soon as she received the boon, Mother Parvati went to take a bath.

 Stories For Kids 

As soon as she took bath, another goddess was born from her body, whose name was Kaushiki. The black color had also gone away from his body and mother's complexion became as clear as before. For this reason, Mother Parvati was also named Mother Gauri. After some time of bathing, mother's eyes fell on the lion. Mother Parvati used her powers to find out why the lion had come there. As soon as he saw the lion, he remembered Lord Shiva and asked for a boon for the lion also.

Mother Parvati said to God, “O Nath! This lion was waiting for years to accept me as food. It was here during my entire penance. He has done the same amount of penance as I have done. For this reason, now as a boon, make this lion my ride. Lord Shiva was pleased and accepted the advice of Mother Parvati and made the lion his vehicle. After receiving the blessings, Mata rode on the lion and from then on she was named Maa Sherawali and Durga.

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